Friday, June 21, 2019

बिहार में बच्चों की इंसेफ्लाइटिस से मौत पर एक व्यक्ति की टिपण्णी



यह तस्वीर याद है आपको ?????

इसे नाम दिया गया था -The vulture and the little girl 

इस तस्वीर में एक गिद्ध भूख से मर रही एक छोटी लड़की के मरने का इंतज़ार कर रहा है । इसे एक साउथ अफ्रीकन फोटो जर्नलिस्ट केविन कार्टर ने 1993 में सूडान के अकाल के समय खींचा था और इसके लिए उन्हें पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था । लेकिन कार्टर इस सम्मान का आनंद कुछ ही दिन उठा पाए क्योंकि कुछ महीनों बाद 33 वर्ष की आयु में उन्होंने अवसाद से आत्महत्या कर ली थी ।

ऐसा क्यों हुआ था ????

दरअसल जब वे इस सम्मान का जश्न मना रहे थे तो सारी दुनिया में प्रमुख चैनल और नेटवर्क पर इसकी चर्चा हो रही थी । उनका अवसाद तब शुरू हुआ जब एक 'फोन इंटरव्यू' के दौरान किसी ने पूछा कि उस लड़की का क्या हुआ???

कार्टर ने कहा कि वह देखने के लिए रुके नहीं क्यों कि उन्हें फ्लाइट पकड़नी थी । इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि "मैं आपको बताना चाहता हूँ, कि उस दिन वहां दो गिद्ध थे जिसमें से एक के हाथ में कैमरा था !!"

इस कथन के भाव ने कार्टर को इतना विचलित कर दिया कि वे अवसाद में चले गये और अंत में आत्महत्या कर ली । 

किसी भी स्थिति में कुछ हासिल करने से पहले मानवता आनी ही चाहिए । कार्टर आज जीवित होते अगर वे उस बच्ची को उठा कर यूनाईटेड नेशन्स के फीडिंग सेंटर तक पहुँचा देते जहाँ पहुँचने की वह कोशिश कर रही थी ।

आज इस घटना के 26 सालो बाद, ये कैमरे वाले गिद्ध मुजफ्फरपुर के हाॅस्पिटलो मे मंडरा रहे है । तस्वीरे खींच रहे है , अपने गंदे जूतो और कैमरो के साथ शोर मचाते हुए , अस्पताल के I.C.U. मे घुसे जा रहे है । डाॅक्टरो पर रौब गालिब कर रहे है । जान बचाने की जद्दोजहद मे लगे डाॅक्टरो को हड़का रहे है।

इन गिद्धो को मरने बच्चो से सरोकार नही है , केवल चैनल की T.R.P. और खबर मे मसाला डालकर चटपटा बनाना है । ये बच्चो के शवो को नोच कर खा जाने को आमादा गिद्ध है। 

केविन कार्टर में शर्म हया बची हुई थी , जिससे उसने आत्महत्या कर ली थी । मगर इन गिद्धो ने तो ईमान के साथ साथ आत्मा भी बेच खाई है। और पूरा देश ब्रैकिंग न्यूज देख रहा है ।

- संजय कुमार

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