अपने पैरों पर रहे स्वयं कुल्हाड़ी मार,
फांस गले की बन गया उनके एनपीआर।
उनके एनपीआर आम जन को भड़काया,
पता चल रहा आज खुदै कानून बनाया!
लगा देश में आग देखते ऊंचे सपने,
फंसते ऐसे लोग जाल में खुद ही अपने।
- ओमप्रकाश तिवारी / दैनिक जागरण
फांस गले की बन गया उनके एनपीआर।
उनके एनपीआर आम जन को भड़काया,
पता चल रहा आज खुदै कानून बनाया!
लगा देश में आग देखते ऊंचे सपने,
फंसते ऐसे लोग जाल में खुद ही अपने।
- ओमप्रकाश तिवारी / दैनिक जागरण
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