करीब 30 साल से देश की राजधानी की सत्ता से दूर भाजपा के लिए इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव उसके सदस्यता अभियान और उनके आंकड़ों की भी कसौटी होगा। इसका आंकड़ा बड़ा दिलचस्प है। दिल्ली में अभी एक करोड़ 46 लाख वोटर हैं। भाजपा का राजधानी में सदस्यता अभियान खत्म होने के बाद अभी उसके 62 लाख 28 हजार 172 सदस्य हैं। यानी कुल वोटरों के 42.4% भाजपा सदस्य हैं।
2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 48 लाख 78 हजार 397 वोट पाकर 67 सीटें जीत ली थीं। इस लिहाज से देखा जाए तो भाजपा के सदस्य ही उसे वोट दे दें तो वह सभी 70 सीटें हासिल कर सकती है।
हालांकि, 2015 में भी ऐसा नहीं हुआ था। 2015 के चुनाव में भी भाजपा के सभी सदस्यों ने पार्टी को वोट नहीं किया था। भाजपा ने 2015 में 44 लाख 45 हजार 172 सदस्य बनाए थे। लेकिन उसे विधानसभा के चुनाव में महज 28 लाख 90 हजार 485 (32.19%) वोट ही मिल पाए थे।
पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वापसी की और 49 लाख 85 हजार 541 (56.86%) वोट हासिल कर सभी 7 लोकसभा सीटें जीत ली थीं।
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